January 28, 2008

half-baked ideas


अधूरे से इक ख्याल
अधूरे से इक ख्वाब
के लिए
मांगी मैंने इक दुआ
ये सोच कर
कि कुछ पूरी होगी
अधूरी तस्वीर
आंखों को मीचे
मैंने भरे कुछ रंग
खींची कुछ लकीरें
कि देख सकूं
एक पूरा सपना
पर आंखें खोलीं तो
सामने बुत भी अधूरे थे
अब क्या करूं
अधूरे बुतों से
अधूरे ख्वाबों की
अधूरी सी दुआ माँग
अधूरी तस्वीर के पूरे होने का
ख्वाब कैसे देखूं ?
[based on a true incident. written in a strategy class where i find all the arguments incomplete.]

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